यह गीत गढ़वाल की प्रचलित पारम्परिक गायन शैली "बददी गायन" से प्रेरित है। इस गीत के मूल गायकों श्रीमती अशरूपी देवी व श्री बनवारी लाल के निर्देशन और श्री सुमंत पंवार के संगीत के साथ गुंजन डंगवाल तथा योगेश उनियाल ने पूरी शिद्दत के साथ इसे गाया है। शीघ्र ही आपके मनोरंजन के लिए इस गीत को आप तक पहुंचाएंगे। तब तक छोटी सी छटा